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Showing posts from 2018

‘वर्षिणी’ का हिंदी अनुवाद

‘ वर्षिणी ’ का हिंदी अनुवाद                                        प्रो . एस . वी . एस . एस . नारायण राजू   15-5-2005, स्वतंत्र वार्ता, हैदरावाद      हैदराबाद की धरती अनुवाद की दृष्टि से बहुत उपजाऊ है। यहाँ अनेक भाषा - भाषी नए - पुराने साहित्यकार निवास करते हैं , आते रहते हैं , विभिन्न भाषाओं के बीच में अनुवाद सेतु द्वारा भारतीय साहित्य की अभिवृद्धि में अपना योगदान करते रहते हैं। ‘ वर्षिणी ’ गोदाचरितम का अनुवाद हिंदी में आचार्य वै . वेंकटरमण राव जी ने अत्यंत निष्ठा से किया है। उपन्यास पढ़ते समय पूर्णतः मौलिकता का बोध होता हैं ।   यह गोदा देवी की कथा पर आधारित पौराणिक उपन्यास है। लेखिका ने भूमिका में उपन्यास के बारे में इस प्रकार लिखा है कि – यह अनुसंधानात्मक उपन्यास है। गोदा देवी श्री कृष्णा से प्रेम करने , उस स्वामी के लिए विरह से तपने वाली म...

श्यामसिंह शशि कृत अग्नि सागर : एक अवलोकन

श्यामसिंह शशि कृत अग्नि सागर : एक अवलोकन                                                                      डॉ.एस.वी.एस.एस. नारायण राजू स्रवंति फरवरी 2005          अग्नि सागर का प्रकाशन 1989 में हुआ | इसमें मनु कथा को कवि श्यामसिंह शशि जी ने एक नया ढंग से प्रस्तुत किया है | आम तौर पर आज मनु शब्द प्रयोग करने के लिए भी डर रहे हैं क्योंकि अगर कोई किसी सभा या मित्र मंडली के बीच में मनु के बारे में या मनु का समर्थन करते हुए बात करने से तुरंत उस पर मनुवादी मुद्रा डाल रहे हैं । आज परिस्थिति इतनी गंभीर रूप धारण किया कि मनु नाम उच्चरण करना भी वर्जित हो गया है | अगर डटकर कहें तो उस पर कट्टरवादी ठप्पा पड़ता है। ...