Links to all my writings

 



My website


“राम” के बारे में महात्मा गाँधी के विचार


सोफिया (बुल्गारिया) में हिंदी शिक्षण : समस्यायें और समाधान 


आत्मविश्वास एवं मानव-स्वाभिमान के संदर्भ में डॉ.धर्मवीर भारती के काव्य


कोमल गांधार में चित्रित “गांधारी” के विभिन्न आयाम


रंग शिल्पगत प्रयोगधर्मिता और लहरों के राजहंस में अभिनय की कुशलता


द्रौपदी के चरित्र को नए सिरे से प्रकाश में लाने का प्रथम प्रयास


कवि कालिदास की प्रतिभा की पूजारिन मल्लिका


स्त्रीवाद के नेपथ्य में द्रौपदी के चरित्र का प्रस्तुतीकरण


लहरों के राजहंस और सुंदरी


“पॉलीवुड़ की अप्सरा ” में चित्रित फिल्मी जगत का यथार्थ जीवन


वैज्ञानिक और तकनीकी हिंदी


दलित तथा पतितों के उध्दारक के रूप मे विश्वामित्र


संशय की एक रात और युगीन संदर्भ


‘वर्षिणी’ का हिंदी अनुवाद


श्यामसिंह शशि कृत अग्नि सागर : एक अवलोकन


दांपत्य जीवन पर छानेवाले मानसिक तनाव की शाब्दिक अभिव्यक्ति “शायद” और “हां:”


संस्कृति : एक परिचय


फिर जनम लेंगे हम, नसीमा


जय जवान


हे माँ ! रक्षा करो


गरीबी नमो नमः


मिट्टी के फूल


हिंदी वर्तनी के विविध आयामों की सुचिंतित पीठिका


मोहन राकेश के उपन्यास : एक परिचय


आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी का पत्र साहित्य


लोकतांत्रिक और संसदीय विचारों के प्रतीक : राम


तेलुगु कथाकार बलिवाड़ कांताराव


अंधायुग में चित्रित मानव-विशिष्टता


पद्मभूषण डॉ. मोटूरी सत्यनारायण


శ్రీ మోటూరి సత్యనారాయణ గారు श्री मोटूरि सत्यनारायणजी


डॉ. आर. शौरीराजन से साक्षात्कार


दलित आक्रोश की चिंगारियाँ : ‘स्फुलिंग’


अनुवाद समीक्षा पर ‘कामायनी’ के माध्यम से चिंतन


गाँधीजी के एकादश व्रत


The Scientific outlook of the representative modern Hindi Epics


“अंधायुग” में चित्रित मानव विवेक


कोमल गांधार में चित्रित “गांधारी” के विभिन्न आयाम


रंग शिल्पगत प्रयोगधर्मिता और लहरों के राजहंस में अभिनय की कुशलता


द्रौपदी के चरित्र को नए सिरे से प्रकाश में लाने का प्रथम प्रयास


ठण्डा लोहा” में अभिव्यक्त मानव-मूल्य


महानगरीय संत्रास-बोध एवं पारिवारिक तनाव के चित्रण में सहायक : आधे-अधूरे


मोहन राकेश के नए नाट्य-प्रयोग


గ్రీష్మం తర్వాత వసంతం


సుశీల సౌభాగ్యం


आषाढ़ का एक दिन में सांकेतिक और भावपूर्ण दृश्यों का संयोजन


इतिहास के संघर्ष को आधुनिक “अर्थ” देने का सफल प्रयत्न – लहरों के राजहंस


मनोरंजनपूर्ण, व्यंग्यात्मक, संयत एवं रोचक संवाद : आधे – अधूरे


एक पुरुष चार भूमिकाएँ : नाटकीय संवेदना के साथ रंग-प्रयोग का एकात्म्य (आधे-अधूरे)


राष्ट्रीय भावना की उन्नति में साहित्य का योगदान


प्रेमचंद की भाषा में मुहावरेदानी


विगत दशक की हिंदी कहानी शैली एवं शिल्पगत नए प्रयोग एवं प्रक्रिया


हिंदी के विकास में आन्ध्र का योगदान


“कबीर के दृष्टिकोण में गुरु”


डॉ. विनोद दीक्षित की कविताओं का इंद्रधनुष : ‘आकाश के सात रंग’


जवाहरलाल नेहरु एवं उनके विचार


నల్లబజారు


आषाढ़ का एक दिन में हास्य एवं व्यंग्य


ఆకాశంలో సగం


ऐतिहासिक बोध के धरातल पर आधुनिकता की खोज : लहरों के राजहंस


సంపాదించే సతి


प्रतीकात्मक और अभिव्यंजनापूर्ण भाषा शैली : लहरों के राजहंस


विभिन्न भाषा-साहित्यों का तुलनात्मक अध्ययन : कुछ प्रश्न


“आज की पीढ़ी में निष्ठा कम है”


संवादों की ध्वन्यात्मकता और अधूरापन : शायद और हं:


रमेश बक्षी कृत “ देवयानी का कहना है” में चित्रित नारी चेतना


हिंदी और तेलुगु काव्य में अभिव्यक्त राष्ट्रीय एकता


सुमित्रानंदन पंत और देवुलपल्ली कृष्णशास्त्री : एक तुलना


“सही कर्म ही धर्म है” : ए.बी.सिंह का कर्मयोग


प्रेमचंद और राष्ट्रीय उपन्यास की अवधारण


హే బాపూ ! ఇదీ మన భారతం


ఆహ్వానం


आंध्र प्रदेश में हिंदी के पठन-पाठन की समस्याएँ


डॉ. धर्मवीर भारती का संक्षिप्त परिचय


युगचेता निराला


मानवता


स्त्री विमर्श


किसान


नई कविता एवं वचन कविता में बिंब विधान


Modern Hindi Novels and Women Translated Hindi to Bulgi (Bulgaria)


कर्फ्यू


मेरी निर्धनता ही महान


डॉ. रामविलास शर्मा का बहुआयामी व्यक्तित्व


केरल में हिन्दी प्रसार का एक प्रेरक दस्तावेज


भारतीय भाषा पत्रकारिता : एक अवलोकन


मूल्य


मुनींद्र अमृतोत्सव अभिनंदन ग्रंथ


विवेक


मूल्यभ्रष्ट युग का यथार्थ अंकन : पैर तले की जमीन


आधुनिक हिंदी उपन्यास और स्त्री-विमर्श


बेईमान हैं हम


मोहन राकेश कृत आधे-अधूरे में अभिनय के अनुपम प्रयोग : एक पुरुष चार भूमिकाएँ


“त्रिशूल” : जातिगत समस्याएँ


गंगाशरण सिंह पुरस्कार विजेता प्रो.एस.ए.सूर्यनारायण वर्मा


निर्दंभी, निराडंबर, सलीकेदार और संजीदा व्यक्तित्व : श्री काज वेंकटेश्वर राव


“सूर्यमुख” और आधुनिक संदर्भ


శ్రీ కాజ వేంకటేశ్వరరావు గారి గురించి నేను విన్నంత ... కన్నంత ...


स्त्री विमर्श पर एक जरुरी किताब


आदर्श राज्य


मेरी ग़रीबी महान


हे बापू क्या यही हैं आपके सपने ?


क्या यही तरीका है


रिफार्म्स


खेलकूद पत्रकारिता और हिंदी अनुवाद


वैश्वीकरण के संदर्भ में संघर्षरत नारी सुरेखा


“अगर हम लोग अपना रोना बंद कर दे तो फिर हमारी मुक्ति हो जाए” चंद्रकला (सिंदूर की होली)


पीली आंधी में नारी के विभिन्न पार्श्व


साहित्य सुमन


नया घर


राष्ट्र भाषा हिंदी


यथार्थपरक, अवसरानुकूल, उपयुक्त नाटकीय संवाद : आधे – अधूरे


अंधा युग : एक परिचय


नाट्यानुभूति से पूर्ण काव्यात्मक और पात्रानुकूल भाषा : आषाढ़ का एक दिन


विरोधी परिस्थितियों से लड़नेवाली व जीवन को सुधारनेवाली स्त्री का सफल चित्रण : छिन्नमस्ता



Popular posts from this blog

वैज्ञानिक और तकनीकी हिंदी

लहरों के राजहंस और सुंदरी

“कबीर के दृष्टिकोण में गुरु”