खेलकूद पत्रकारिता और हिंदी अनुवाद






खेलकूद पत्रकारिता और हिंदी अनुवाद

                              प्रो. एस.वी.एस.एस.नारायण राजू

KALAM, Student Magazine,
Central university of TamilNadu, 2017-2018

    पत्रकारिता और अनुवाद के बारे में सोचते ही प्रश्न उठता है कि पहले पहल अनुवादक पत्रकारिता के किस क्षेत्र को चुनना है? यह खुद अपनी क्षमता तथा रुचि के अनुरुप चूनना चाहिए। पत्रकारिता क्षेत्र में साहित्यिक अनुवाद कम है। राजनैतिक पत्रकारिता, फिल्मी पत्रकारिता, खेलकूद पत्रकारिता के अनुवाद सब से ज्यादा आवश्यक है। हम माने या न माने भारत देश में हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता 80% प्रतिशत अनुवाद पर ही आधारित है। मूल भाषा या स्रोत भाषा अंग्रेजी है। लक्ष्य भाषा सभी भारतीय भाषाएँ हैं। मैं यहाँ खेलकूद पत्रकारिता और हिंदी अनुवाद पर कुछ विषयों के बारे में आपका ध्यान अकर्षित करना चाहता हूँ।

    खेलकूद अनुवाद पर चर्चा करने से सबसे पहले क्रिकेट से शुरु करना है। अनुवाद करने के पहले अनुवाद प्रक्रिया के बारे में भी ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। शब्द, और प्रयुक्तियों की जानकारी पहले पहल होनी चाहिए। विशेषकर जानकारी पहले पहल होनी चाहिए। विशेषकर हिंदी में अनुवाद करते समय अंग्रेजी भाषा के शब्दों के हिंदी रुप प्रयोग करना तथा इन शब्दों को पाठक स्वीकार करना मामूली विषय नहीं है।

   अधिकांश खेलकूद पाश्चात्य होने के कारण यह क्षेत्र हमारी भाषाओं के लिए नए हैं। इन भाषाओं की संकल्पनाओं हमारी भाषाओं में नहीं थी क्योंकि यह अधिकतर पाश्चात्य देशों में रहा। इनकी संकल्पनाओं की हमारी भाषाओं में अनूदित करना, अनुवादक के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। जो चीज अपनी भाषाओं की नहीं है। उसे ले आना आधुनिकीकरण अर्थात् Modernization of language  कहते हैं। Modern अर्थात् आधुनिक बनाना साधारण विषय नहीं है। मूल भाषा की संकल्पनाओं को लक्ष्य भाषा में लाने के लिए विकसित भाषाओं की सहायता लेना अत्यंत आवश्यक है। अनुवाद के द्वारा आधुनिक बनाने की प्रक्रिया को ही आधुनिकीकरण कहते हैं। खेलकूद पत्रकारिता के लिए अनुवाद को अपनाना ही पड़ता है। भारतीय दृष्टि से यह वास्तव है कि हमारी भाषाओं की आधुनिकीकरण में अंग्रेजी स्रोत भाषा (Source Language) है और हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाएँ लक्ष्य भाषाएँ (Target language) हैं। नए शब्द निर्माण के संदर्भ में तेलुगु के सुप्रसिध्द फिल्मी लेखक ने कहा कि कोई भी सृष्टि न करें तो नए नए शब्द भाषा में कैसे आएँगे। यह सच भी है। शब्द जो भी प्रयोग करें परंतु वह जो भी पढ़ें अर्थात उस भाषा को बोले जानेवाले संपूर्ण इलाके में एक ही अर्थ का संप्रेषण करना अत्यंत आवश्यक है। खेलकूद पत्रकारिता अनुवाद करते समय उपयोग किए गए शब्द इस प्रकार हैं।

I . मूल भाषा के शब्द को पूर्णत : हिंदी अनुवाद
1.      One-day - एक दिवसीय
2.      One-day International - अंतर्राष्ट्रीय एक दिवसीय
3.      Selectors - चयनकर्त्ता
4.      Defensive game - रक्षणात्मक खेल
5.      Offensive game - आक्रामक खेल
6.       Trainer - प्रशिक्षक
7.      Innings  - पारी
8.      Innings Defeat पारी की हार
9.      Fielder - सेतु रक्षक
10.             Double century - दुहरा शतक

II लिप्यांतरण करके प्रयोग
1.     Out - आऊट
2.     Umpiring -  एम्पैरिंग
3.     Crease -  क्रीज
4.     Test match - टेस्ट मैच
5.     Over - ओवर
6.     Pitch - पिज
7.     Wicket - विकेट
8.     Stump out - स्टंपआऊट
9.     Semi Final - सेमि फाइनल

 III.  संकर शब्दावली
1.     Not out - आऊट नहीं
2.     Wicket keeper - विकेट रक्षक

  III.  खेलकूद अभिव्यक्तियाँ
1.      Hungry for the runs - रन के लिए भूखे थे
2.     Home pitch -  घरेलु मैदान
3.     Man of the match -  बेताज बादशाह
4.     Worst performance - घटिया प्रदर्शन
5.     Broken the records - रिकार्ड तोड डाला।

    उपर्युक्त शब्दावली देखने से यह पता चलता है कि क्रिकेट और टेनिस जैसे विदेशी खेल आज भारत में इतना मशहूर हुए कि क्रिकेट मैच या सानिया का टेनिस मैच हैं तो शहरों से लेकर गाँव तक भी एक दम कर्फ्यू लगाया जैसे दिख रहा है। कुछ शब्दों को यथातथ प्रयोग किया गया है। कुछ हिंदीकरण करके प्रयोग किया गया है। कुछ संकर अर्थात् Hybrid शब्दों तथा वाक्यों का निर्माण किया गाया है। उदाहरण के लिए ओवर-ओवरों, पिच-पिचों, कुछ शब्द हिंदी में लाएँ है। जैसे L.B.W को पगबाधा Catch को लपकना आदि।

  आजकल हिंदी पत्रकारिता में खेल कूद पत्रकारिता ने बहुत विकसित की है। यह अभिव्यक्तियाँ अपनी अभिव्यक्तियाँ भी कह सकते हैं। उदाहरण के लिए पूरा पारी चालीस रन पर सिमट गई। भुवनेश्वर का कहर, साऊथ अफ्रीका धराशायी, कोहली ने एक ओवर में तीन छक्के दो चौके जड़े आदि संकर अभिव्यक्तियाँ भी आज बहुत मशहूर हुए है. चहल की गेंदबाजी में किलिंग इंस्टिक्ट दिखाई दिया, अनुभवी लेग स्पिनर अश्विन ने फिरकी का जाल बुनते हुए, दुसरी पारी में 226 रनों पर सिमटा, भुवनेश्वर ने पाँच विकेट झटके, कोहली मैन ऑफ द मैच से नवाजे गए।

  अब हर पत्रिका में विशेषकर दैनिक पत्रिकाओं में निर्धारित खेलकूद संबंधी पृष्ठ पर इनका नियमित प्रकाशन हो रहा है।

    खेलकूद पत्रकारिता और अनुवाद में सिर्फ प्रिंट मीडिया ही नहीं श्रव्य माध्म जैसे रेडियो, दृश्य श्रव्य माध्यम टी.वी चैनल पर भी एक बार अवलोकन करने से खेलकूद पत्रकारिता अनुवाद की विशिष्ट शब्द, अभिव्यक्तियाँ, विभिन्न संकर वाक्य, हिंदीकरण आदि की जानकारी और अधिक मिलती है।         

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