क्या यही तरीका है






क्या यही तरीका है  ?

                                                          प्रो.एस.वी.एस.एस. नारायण राजू

स्वतंत्र वार्त्ता
8 मार्च, 2000

महिला दिवस मना  रहे हैं उत्साह से,

टी.वी. चैनल्स में दिखा रहे हैं धूम-धाम से,

प्रेरणा दे रहे हैं विभिन्न कार्यक्रमों से,

ये सब चल रही हैं मल्टीनेशनल कंपनियों से,

बता रही हैं नारियों के बारे में,

दिखा रही हैं आदर्श नारी के रुप में
,
विश्व सुंदरियों तथा पॉप गायिकाओं को,

व्याख्यान देने आती हैं सजधज कर,

भाषण देती हैं गरीब महिला पर,

बीच-बीच में क्यों हँसती है?

शायद खुद को भी मालुम नहीं।

बताती हूँ अद्भूत सौंदर्य की टिप्स

शाम को मीटिंग, बात में पार्टी

वातानुकूल होटल के कमरे में

अगले दिन आते हैं समाचार,

दिखाते हैं चैनल्स में न्यूज,

महिला उद्धारकों के बारे में ।

क्या  यही तरीका है?

अगर सचमुच उद्धार करना है तो,

सबको देनी है अनिवार्य शिक्षा।

देनी है सजा तुरंत, रेपिस्टों को।

बताना है सबको सौंदर्य टिप्स के पीछे,

मल्टी नेशनल कंपनियों की स्वार्थपरता।

सिखाना है हर काम लड़कियों को और

लड़कों को, चाहे घर का हो या बाहर का।

सिखाना है बचपन से

सब समान है।  

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