Posts

Showing posts from 2024

Lanka kand 45, Sri Ram Charit Manas | महा महा मुखिआ जे पावहिं । ते पद गह...

Image

Padmavath, Simhal dweep Khand 01 | पूछा राजै कहु गुर सूआ । न जनौं आजु कह...

Image

Lanka kand 44, Sri Ram Charit Manas | जुद्ध बिरुद्ध क्रुद्ध द्वौ बंदर। र...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 26 | रामं लक्ष्मण पूर्वजं रघुवरं सीतापतिं सुन्द...

Image

Lanka kand 43, Sri Ram Charit Manas | भय आतुर कपि भागन लागे। जद्यपि उमा ...

Image

“चुप नहीं हैं ईश्वर” में सामाजिक यथार्थ

  “ चुप नहीं हैं ईश्वर ” में सामाजिक यथार्थ अचार्य. एस.वी.एस.एस. नारायण राजू   साहित्य सृजन की समकालीनता (ईश्वर करुण अभिनंदन ग्रंथ) ISBN No. 978-81-7965-343-2 तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली. प्रकाशन वर्ष : 2022   चुप नहीं हैं ईश्वर में कवि अपने कविता द्वारा सामाजिक परिवेश में स्थित विषमता को व्यक्त करने की कोशिश करते है. आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या बन गयी है । जिसकी जड़े कई देशों में फैलती आ रही है. आतंकवादियों को क्रांतिकारी कहलाना गलत होगा , क्योंकि ये आतंकवादी समस्याओं के समाधान करने के बजाय उनका फायदा उठाते हैं और समाज में दहशत फैलाने के लिए मक्सद की तलाश करते हैं, यथा   " आतंकवादियों का जनहित में कोई कारण नहीं होता है. अल - खायदा कोई प्रादेशिक स्वाधीनता के नाम पर आतंक फैलाते है , नक्सलवादी तो कोई इन आतंकवादी हमलों का फायदा उठाते हुए किसी धार्मिक समुदाय पर आतंक फैलाते हैं , इन के मनसूबे कुछ भी हो पर उसका नुक्सान सिर्फ सामान्य औरत बच्चे और पुरूषों को ही होता है और समाज में दहशत फैलाता हैं." (1) ' बेनजीर ' नामक कविता में ईश्वर करुण कहते हैं कि

Sri Rama Raksha Stotram, 25 | रामं दूर्वादलश्यामं पद्माक्षं पीतवाससम् । ...

Image

Lanka kand 42, Sri Ram Charit Manas | राम प्रताप प्रबल कपि जूथा। मर्दहिं...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 20, 21 | आत्त सज्ज धनुषाविषुस्पृशा-वक्षयाशुग नि...

Image

Lanka kand 41, Sri Ram Charit Manas | कोट कँगूरन्हि सोहहिं कैसे। मेरु के...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 16 | आरामः कल्पवृक्षाणां विरामः सकलापदाम् । अभि...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 15 | आदिष्टवान्यथा स्वप्ने रामरक्षामिमां हरः । ...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 50 | अस बिचारि उर छाड़हु कोहू । सोक कलं...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 13,14 | जगज्जैत्रैक मन्त्रेण रामनाम्नाभि रक्षित...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 49 | एक बिधातहि दूषनु देहीं। सुधा देखाइ...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 12 | रामेति रामभद्रेति रामचन्द्रेति वा स्मरन्। ...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 48 | का सुनाइ विधि काह सुनावा। का देखाइ...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 11 | पाताल भूतल व्योम चारिणश्छद्म चारिणः न द्रष...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 47 | मिलेहि माझ बिधि बात बेगारी । जहँ त...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 9,10 | जानुनी सेतु कृत्पातु जङ्घे दशमुखान्तकः ।...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 46 | धन्य जनमु जगतीतल तासू । पितहि प्रम...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 7,8 | करौ सीतापतिः पातु हृदयं जामदग्न्यजित् । म...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 45 | अजसु होउ जग सुजसु नसाऊ। नरक परौं ब...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 5,6 | कौसल्येयो दृशौ पातु विश्वामित्र प्रियः श्...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 44 | अवनिप अकनि रामु पगु धारे। धरि धीरज...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, 2,3,4 | ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीव लोच...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 43 | रहसी रानि राम रुख पाई । बोली कपट स...

Image

Swamy Mahesh yogi, Ayodhya | ब्रम्हर्षि स्वामी महेश योगी। दिव्य भारत निर...

Image

Sri Rama Raksha Stotram, ध्याये दाजानुबाहुं धृतशर धनुषं बद्ध पद्मासनस्थं...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 42 | भरतु प्रानप्रिय पावहिं राजू । बिधि...

Image

Sri Rama Raksha Stotram 01, चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम्। एकैकमक्ष...

Image

Sri Ramcharitmanas, Ayodhya kand 41 | निधरक बैठि कहइ कटु बानी।सुनत कठिनत...

Image

Sri Rama Raksha Stotram 37, रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे रामेण...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 240 | सीय स्वयंबरु देखिअ जाई। ईसु काहि धौं ...

Image

Sri Rama Raksha Stotram 35, आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम् । लोकाभिरा...

Image

Sri Rama Raksha Stotram 30, माता रामो मत्पिता रामचन्द्रः स्वामी रामो मत्...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 239 | नृप सब नखत करहिं उजिआरी । टारि न सकहि...

Image

Sri Rama Raksha Stotram 22,23,24, रामो दाशरथिः शूरो लक्ष्मणानुचरो बली । ...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 238 | घटइ बढ़इ बिरहिनि दुखदाई । ग्रसइ राहु ...

Image

Sri Rama Raksha Stotram 17,18,19, तरुणौ रूप सम्पन्नौ सुकुमारौ महाबलौ । ...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 237 | हृदय सराहत सीय लोनाई । गुर समीप गवने ...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 236 | सेवत तोहि सुलभ फल चारी । बरदायनी पुरा...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 235 | जानि कठिन सिवचाप बिसूरति । चली राखि उ...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 234 | धरि धीरजु एक आलि सयानी । सीता सन बोली...

Image

Saket, NavamSarg 93,UGCNET | लपट से झट रूख जले, जले, नदी-नदी घट सूख चले,...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 233 | सोभा सीवँ सुभग दोउ बीरा । नील पीत जलज...

Image

Saket, NavamSarg 81,UGCNET | स्नेह जलाता है यह बत्ती!फिर भी वह प्रतिभा ह...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 232 | चितवति चकित चहूँ दिसि सीता । कहँ गए न...

Image

Saket, NavamSarg 72, UGCNET |जगती वणिग्वृत्ति है रखती, उसे चाहती जिससे च...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 231 | तात जनक तनया यह सोई । धनुष जग्य जेहि ...

Image

Vidyapati Padavali, UGC NET HINDI | तातल सैकत बारि-बिन्दु सम, सुत-मित-रम...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 10 | एहि महँ रघुपति नाम उदारा। अति पावन पुर...

Image

World Hindi Day 2024 Special. विश्व हिंदी दिवस 2024. रोजगारोन्मुख हिंदी ...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 09 | खल परिहास होइ हित मोरा। काक कहहिं कलकं...

Image

Lehron ke Rajhans and Nand | लहरों के राजहंस और नंद | मोहन राकेश. Mohan...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 08 | आकर चारि लाख चौरासी । जाति जीव जल थल न...

Image

Vidyapati Padavali, UGC NET HINDI | माधव, बहुत मिनति कर तोहि।दए तुलसी ति...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 07 | अस बिबेक जब देइ बिधाता। तब तजि दोष गुन...

Image

Vidyapati Padavali 236, UGC NET HINDI | नाहि करब बर हर निरमोहिया।बित्ता ...

Image

Sri Rama Raksha Stotram with Meaning, श्री राम रक्षा स्तोत्रम् और व्याख्...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 06 | खल अघ अगुन साधु गुन गाहा । उभय अपार उद...

Image

Vidyapati Padavali 217, UGC NET HINDI | अनुखन माधब माधब सुमरइते, सुन्द...

Image

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 05 | मैं अपनी दिसि कीन्ह निहोरा। तिन्ह निज ...

Image