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Showing posts from November, 2023

Vidyapati Padavali 144 | UGC NET HINDI | मधु सम बचन कुलिस सम मानस, प्रथम...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 40, UGC NET HINDI | लोभइ ओढ़न लोभइ डासन । ...

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Vidyapati Padavali 141 | UGC NET HINDI | बिरह व्याकुल बकुल तरुतर, पेखल न...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 39 UGCNET HINDI | सुनहु असंतन्ह केर सुभाऊ।...

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Vidyapati Padavali 72 | UGC NET HINDI | सुंदरि चललिहु पहु घर ना। चहु दिस...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 38 UGCNET HINDI | बिषय अलंपट सील गुनाकर । ...

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Vidyapati Padavali 62 | UGC NET HINDI | प्रथमहि अलक तिलक लेब साजि। चंचल ...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 37 UGC.NET HINDI | करउँ कृपानिधि एक ढिठाई।...

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अभिनय और दृश्य योजना का सफल प्रयोग : 'सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पह...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 36 UGC.NET HINDI | सनकादिक बिधि लोक सिधाए।...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 35 UGC.NET HINDI | देहु भगति रघुपति अति पा...

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Kamayani, Ida Sarg 21, UGCNET HINDI | अभिशाप प्रतिध्वनि हुई लीन नम- सागर...

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Kamayani, Ida Sarg 20, UGCNET HINDI | तुम जरा-मरण में चिर अशांत जिसको अब...

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Kamayani, Ida Sarg 19, UGCNET HINDI, | जीवन सारा बन जाय युद्ध उस रक्त, ...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 34 UGC.NET HINDI | सुनि प्रभु बचन हरषि मुन...

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Kamayani, Ida Sarg 18, UGCNET HINDI, | संकुचित असीम अमोघशक्ति जीवन को बा...

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अभिनय और दृश्य योजना का सफल प्रयोग : 'सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक'

  अभिनय और दृश्य योजना का सफल प्रयोग : ' सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक ' आचार्य. एस.वी.एस.एस.नारायण राजू. आलोचन दृष्टि Aalochan Drishti, ISSN No:  2455-4219 An International Peer Reviewed Refereed Research Journal of Humanities Year – 8, Volume – 33 July – September, 2023. यह सर्व विदित सत्य है कि नाटक का मूलाधार रंगमंच है . इसीलिए नाटककार रंगमंच के आधार पर ही नाटक का सृजन करता है. सफल नाटककार को रंगमंच की स्पष्ट परिकल्पना होती है जिसके अभाव में नाटक लिखा तो जाता है पर रंगमंच पर प्रदर्शित नहीं होता. नाटक का रंगमंचीय होना अत्यंत महत्वपूर्ण है. सफल रूप से प्रदर्शित नाटक को ही सफल नाटक माना जाता है. नाटककार नाटक की रचना रंगमंच पर प्रदर्शित करने के लिए ही करते हैं. नाट्य लेखन का उद्देश्य ही है उसे रंगमंच पर प्रदर्शित करना. प्रसिद्ध आधुनिक नाटककार मोहन राकेश , लक्ष्मीनारायण लाल और सुरेन्द्र वर्मा भी इसी मत में विश्वास रखते हैं कि जो नाटक प्रदर्शन की क्षमता से वंचित हो , वह सफल नाटक नहीं है. रंगमंचीय विशेषताओं को अभिनय , रंग सज्जा तथा परदे , ध्वनि एवं प्

Kamayani, Ida Sarg 17, UGCNET HINDI, वह प्रेम न रह जाये पुनीत अपने स्वार...

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Kamayani, Ida Sarg 16, UGCNET HINDI, अनवरत उठे कितनी उमंग चुंबित हों आं...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 33 UGC.NET HINDI | कीन्ह दंडवत तीनिउँ भाई।...

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Kamayani, Ida Sarg 15, UGCNET HINDI, यह अभिनव मानव प्रजा सृष्टि द्वयता म...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 32 UGCNET HINDI | भ्रातन्ह सहित रामु एक बा...

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Bharateeya Jnan Pranali & Research methodology, International Faculty De...

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Kamayani, Ida Sarg 14, UGCNET HINDI, हाँ, अब तुम बनने को स्वतन्त्र, सब क...

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Kamayani, Ida Sarg 13, UGCNET HINDI, मनु उसने तो कर दिया दान वह हृदय प्र...

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Kamayani, Ida Sarg 12, UGCNET HINDI | "यह कौन? अरे फिर वही काम ! जिसने इ...

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Sri Ramcharitmanas, Uttarkand 31 UGCNET HINDI | जब ते राम प्रताप खगेसा ।...

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