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Showing posts from September, 2024

Vidyapati Padavali, 199, UGC NET HINDI | सखि हे हमर दुखक नहि ओर। ई भर बा...

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हिंदी के पठन-पाठन की समस्याएँ (दक्षिण भारत के संदर्भ में)

  हिंदी के पठन-पाठन की समस्याएँ ( दक्षिण भारत के संदर्भ में )                                   आचार्य.एस.वी.एस.एस.नारायण राजू Bhasha, November – December 2020 Issue: 293, Year 59, Central Hindi Directorate, Govt. of India. ISSN 0523-1418 UGC care listed magazine No. 16.           राष्ट्रभाषा, राजभाषा और संपर्क भाषा के रुप में देश के अधिकांश लोगों द्वारा हिंदी समादृत हुई है. दक्षिण भारत   में हिंदी का प्रचार-प्रसार व्यापक तौर पर हो रहा है. कई सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएँ हिंदीतर प्रांत दक्षिण भारत में हिंदी के प्रचार-प्रसार को प्रोत्सहान देने लगी हैं. हिंदी प्रचार सभाओं की स्थापना हुई. दक्षिण भारत   के छात्र अपनी मातृभाषा और अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी का भी अध्ययन करने लगे. त्रिभाषा नीति के समर्थन में कई सरकारी शैक्षिक संस्थाओं ने समय-समय पर जो निर...

राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के उत्थान में हिंदी पत्र – पत्रिकाओं का अतुलनीय योगदान

  राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के उत्थान में हिंदी पत्र – पत्रिकाओं का अतुलनीय योगदान प्रो.एस.वी.एस.एस.नारायण राजू. Sravanthi, January 2023 ISSN 2582-0885 ‘ हिन्दी पत्रकारिता राष्ट्रीयता एवं संस्कृति ’ किताब के संपादक डॉ. राज कुमार पांडे है । इस पुस्तक में कुल 34 आलेख संकलित हैं । संपादकीय कथन को मिलाकर कुल 267 पेज के इस किताब में पत्रकारिता को राष्ट्रीयता एवं भारतीय संस्कृति के साथ जोड़ कर के अत्यंत शोध परक दृष्टि कोण से लिखा गया है । आलेखों   के संकलनों से विदित होता है कि हिन्दी साहित्य एवं पत्रकारिता के मध्य का जो अभिन्न संबंध है उसके बारे में   एक स्पष्ट विस्तृत दृष्टिकोण मिल जाता है। भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में पत्रकारिता (मीडिया) को माना जाता है। संपादकीय लेखन से   भारतीय संस्कृति के साथ पत्रकारिता के सम्बंध का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिलेगा राज कुमार जी ने पत्रकारिता का प्रारंभ सनातन धर्म के देवऋषी नारद से माना है “ भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में पहले से ही सूचनाओं का विशेष महत्व रहा है । देवलोक में इस कार्य का दायित्व देवर्षि नारद के पास...

Sri Ramcharitmanas, Bal kand 250 | नृप भुजबलु बिधु सिवधनु राहू। गरुअ कठो...

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Vidyapati Padavali, 191, UGC NET HINDI | सरसिज बिनु सर सर बिनु सरसिज, की...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 249 | राम रूपु अरु सिय छबि देखें। नर नारिन्...

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Hindi Implementation: A symbol of National Pride | हिंदी अनुपालन : संपूर...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 248 | चलीं संग लै सखीं सयानी। गावत गीत मनोह...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 247 | सिय सोभा नहिं जाइ बखानी। जगदंबिका रूप...

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Vidyapati Padavali, 176, UGC NET HINDI | नव वृन्दावन नब नव तरुगन, नव नब ...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 246 | ब्यर्थ मरहु जनि गाल बजाई। मन मोदकन्हि...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 245 | प्रभुहि देखि सब नृप हियँ हारे। जनु रा...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 244 |कटि तूनीर पीत पट बाँधें। कर सर धनुष बा...

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Saket, Navam Sarg 111, UGC NET HINDI | कहती मैं, चातकि, फिर बोल,ये खारी ...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 243 | सहज मनोहर मूरति दोऊ। कोटि काम उपमा लघ...

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TEACHERS DAY SPECIAL A Legacy of Wisdom Prof SA Suryanarayana Varma, Edu...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 242 | बिदुषन्ह प्रभु बिराटमय दीसा। बहु मुख ...

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Saket, Navam Sarg 98, UGC NET HINDI | चन्द्रकान्त मणियाँ हटा, पत्थर मुझे...

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Sri Ramcharitmanas, Bal kand 241 | राजकुअँर तेहि अवसर आए। मनहुँ मनोहरता ...

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