आर्य संस्कृति के उध्दारक श्री राम
आर्य संस्कृति के उध्दारक श्री राम आचार्य.एस.वी.एस.एस.नारायण राजू ANUKARSH ISSN no. 2583-2948( Online) Volume No. 4 , Issue No. 3 & 4 , July- December 2024. वीरेन्द्र सारंग द्वारा रचित उपन्यास "वज्रांगी" में राम को एक महानायक और आर्य संस्कृति के सशक्त पक्षधर के रूप में प्रस्तुत किया गया है . इस उपन्यास में ऋषियों ने राम को एक मानक के रूप में स्थापित किया है और उनके माध्यम से ऐसे अनेक कार्य कराए जाते हैं जो केवल आर्य समाज के हित में होते हैं . राम की इस छवि को उपन्यास में गहराई से चित्रित किया गया है , जहाँ वह न केवल एक योद्धा हैं बल्कि एक ऐसे आदर्श पुरुष हैं जो अपने नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों के लिए जाने जाते हैं . राम का हर कार्य और निर्णय आर्य संस्कृति को संरक्षित और समृद्ध करने के उद्देश्य से प्रेरित होता है . इस प्रकार , " वज्रांगी" उपन्यास न केवल एक कथा है बल्कि आर्य संस्कृति के महानायक राम के माध्यम से भारतीय सभ्यता और उसकी धरोहरों को उजागर करने का एक प्रयास भी है , जैसे विश्वामित्र कहते हैं कि - "राम तुम्हें यहाँ भी स्थापित होना पड़...