आर्थिक सुधारक डॉ. मनमोहन सिंह (संपादकीय)

 



आर्थिक सुधारक डॉ. मनमोहन सिंह

(संपादकीय)

                                                       प्रो. एस.वी.एस.एस.नारायण राजू

स्रवंति,

द्विभाषा मासिक पत्रिका.

जून 2004.

            दुनिया में सब से बडा प्रजातंत्र देश भारत के प्रधान मंत्री बनना तो साधारण विषय नहीं है. बहुत विचित्रि की बात यह है कि अब तक अधिकांश प्रधान मंत्री ऐसे ही बन गए जो अपने जीवन में कभी भी प्रधान मंत्री बनने की उम्मीद नहीं थी. डॉ. मनमोहन सिंह राज्य सथा में काँग्रेस सदस्य हैं परंतु वे एक मात्र गैर राजनीतिक नेता हैं.

               डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 में गाह (आज पाकिस्तान) नामक गाँव में हुआ. उनके पिता का नाम गुरु मुख सिंह और माता का नाम अमृत कौर. प्राथमिक शिक्षा अमृतसर में हुई. उस के बाद की शिक्षा चंडीगढ़ तथा लंदन में हुई. पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थ शास्त्र के आचार्य के रुप में जीवन प्रारंभ किया. वे कभी भी पद के लिए कोशिश नहीं किया परंतु उनकी प्रतिभा एवं सूझ-बूझ के कारण ही विभिन्न पद ही उनका वरण किया कहना उचित है. डॉ. मनमोहन सिंह ने 1966 में यू.एन.सी.टी.ए.डी. में वित्तिय अधिकारी, 1971-72 में विदेश वाण्ज्यि मंत्रालय में वित्तीय सलाहकार, 1972-76 में वित्त मंत्रालय में मुख्य वित्तीय सलाहकार, 1976-80 में भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक, 1980-82 में योजना आयोग के सदस्य, 1982-85 में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, 1983-84 में प्रधान मंत्री के वित्त सलाह मंडली में सदस्य, 1985 में इंडियन एकनामिक असोसिएशन के अध्यक्ष, 1985-87 में योजना आयोग के उपाध्यक्ष, 1990-1991 में प्रधान मंत्री के वित्तीय सलाहकार, 1991 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष, 1991-1996 में पी.वी. केबिनेट में वित्त मंत्री, 1998 मार्च से राज्य सभा में विपक्ष नेता के रुप में काम किया है.

          1991 में श्री पी.वी. नरसिंह राव प्रधान मंत्री के रुप में पदग्रहण करते समय भारत देश के पास दो सप्ताह के आयात का भुगतान करने के लिए भी पैसा नहीं था. ऐसी अत्यंत कठिन स्थिति में डॉ. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री का पद ग्रहण किया. सिंह ने पूर्ण निष्ठा से देश को आगे चलाने के लिए अट्ट श्रद्धा एवं निष्टा से कठिन निर्णय लेकर देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास किया तथा सफलता भी हासिल किया. सफलता के लिए सबूत यह है कि आज भारत देश में 118 अरब डालर का सुरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार है.

       मनमोहन सचमुच ही मनमोहक है. भारत देश में मनमोहन वित्त मंत्री बनने के बाद संपूर्ण देश में ही नहीं विदेशों में ही भारत की ख्याति को बढ़ाया. लोग एकनामिक्स को मनमोहनामिक्स कहना शुरु किया. आज सिंह जी को पत्र-पत्रिकाओं में अल्प संख्याक वर्ग व अर्थ शास्त्रज्ञ (Technocrat) कहके संबोधिन कर रहे हैं. मनमोहन को आम आदमी के बारे में पूर्ण जानकारी है. विशेषकर भारत की अर्थ व्यवस्था ही नहीं संपूर्ण व्यवस्था पर ज्ञान है. इस लिए वह एक सक्षम प्रधान मंत्री के रुप में भारत की प्रतिष्टा को और बढाएँगे. ऐसा विश्वास है. संपूर्ण भारत प्रधानमंत्री के साथ हैं. इस संदर्भ में स्रवंति परिवार की तरफ से डॉ. मनमोहन सिंह जी को शुककामनाएँ.

 


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